Tuesday, October 8, 2024

नेपाल को फिर से हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए सहयोग करें भारत के सनातनीः शंकर भण्डारी

मनोज पाठकः नेपाल के पूर्व केन्द्रीय मंत्री और नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री शंकर भण्डारी ने भारत के सनातन धर्म प्रेमियों से आह्वान किया है कि नेपाल को फिर से हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए वे अपना नैतिक सहयोग दें। नेपाल से तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ आए पूर्व केन्द्रीय मन्त्री ने कहा […]

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1-27 लक्ष्मी नारायण मठ मटिहानी नेपाल

लक्ष्मीनारायण मंदिर नेपाल के मटिहानी में अवस्थित है । भगवान श्रीराम और सीता मां के विवाह की वेदी बनाने के लिए यहां से माटी ले जायी गयी थी। आज भी मिथिला में विवाह की बेदी के लिए यहां से माटी ले जाई जाती है। यहाँ श्री सीता राम जी लक्ष्मी नारायण के अवतार के रूप […]

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1-28 बसहैया जनकपुर नेपाल

श्रीराम चरित मानस के अनुसार श्री राम सहित चारों भाइयों के विवाह के लिए बहुत सुन्दर मंडप का निर्माण किया गया था। मण्डप में बड़ी संख्या में बाँसों का प्रयोग हुआ था तथा इसी जंगल से बाँस काट कर ले जाए गये थे। आज भी कन्याओं के विवाह में प्रतीक रूप में यहां से बाँस ले जाए जाते हैं।

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1 – 29 दूधमती नदी जनकपुर नेपाल

माना जाता है कि सीता जी के विवाह में जल की व्यवस्था के लिए नदी का उद्गम खोज कर उसे विकसित किया गया था । नदी का जल दूध की भांति धवल है इसलिए नाम दूधमती नदी है। अब नेपाल की शिवभक्त जनता यहां से काँवड़ भर कर भगवान शिव का जलाभिषेक करती है । […]

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1-30 जानकी मंदिर जनकपुर नेपाल

आप इस क्षण जगत जननी जानकी की जन्मभूमि जनकपुर धाम में अवस्थित जानकी मंदिर के दर्शन कर रहे हैं । त्रेतायुग में माता जानकी की बाल्यावस्था यहीं बीती । ये मंदिर टीकमगढ़ की राजमाता वृषभानु लली ने आज से सैकड़ों वर्ष पहले बनवाया

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1 – 31 रंगभूमि जनकपुर नेपाल

जानकी मंदिर के पास एक विशाल मैदान है। लोक मान्यता के अनुसार इसी मैदान में देश विदेश के बलशाली राजाओं के बीच शंकर जी का पिनाक धनुष तोड़कर श्रीराम ने सीता जी से विवाह की शर्त पूर्ण की थी। श्री रामचरित मानस में भी इसे रंगभूमि कहा है। ये नेपाल का अत्यंत प्रसिद्ध मैदान है […]

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1-32 धनुषा मंदिर धनुषा धाम नेपाल

धनुषा नेपाल का प्रमुख जिला है । धनुषा नाम ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल ये भारतीय संस्कृति के उस संधिकाल का प्रतीक है जब विष्णु के एक अवतार परशुराम और उनके बाद के अवतार श्री राम का परस्पर मिलन हुआ था । धनुषा धाम में आज भी पिनाक धनुष के अवशेष पत्थर के […]

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1-33 मणि मंडप रानी बाजार जनकपुर नेपाल

त्रेता युग में मिथिला नरेश सीरध्वज जनक के दरबार में रामजी द्वारा धनुर्भंग के बाद अयोध्याजी से बारात आई। श्री राम सहित चारों भाईयों का विवाह हुआ। जिस स्थान पर जनकपुर में मणियों से सुसज्जित वेदी और यज्ञ मंडप निर्मित हुआ वह समकाल में रानी बाजार के निकट है । यह स्थल मणि मण्डप के […]

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1-34 रत्न सागर जनकपुर नेपाल

लोक मान्यता के अनुसार राजा जनक ने चारों दामादों, बेटियों तथा समधी जी राजा दशरथ जी को दहेज में असीम धन, रत्नादि दिये थे।तब यह सागर रत्नों से भर गया था इसलिए आज भी इसे रत्न सागर कहा जाता है।

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1-35 विहार कुण्ड जनकपुर नेपाल

विवाह के पश्चात् चारों दुल्हा, दुल्हिन यहां आमोद-प्रमोद के लिए आये थे। चारों ने यहां जल-क्रीड़ा की थी इसलिए आज भी इस कुण्ड का नाम विहार कुण्ड है। वा.रा. 1/70, 71, 72, 73 पूरे अध्याय, मानस 1/212/4,1/286/3 से 1/288/2, 3, 4, 1/313/3, 1/319 छंद 1/321/छन्द, 1/322/4 से 1/324/छ-4 विहार कुण्ड से पंथ पाकड़ सीता मढ़ीः- […]

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