1-33 मणि मंडप रानी बाजार जनकपुर नेपाल
त्रेता युग में मिथिला नरेश सीरध्वज जनक के दरबार में रामजी द्वारा धनुर्भंग के बाद अयोध्याजी से बारात आई। श्री राम सहित चारों भाईयों का विवाह हुआ। जिस स्थान पर जनकपुर में मणियों से सुसज्जित वेदी और यज्ञ मंडप निर्मित हुआ वह समकाल में रानी बाजार के निकट है । यह स्थल मणि मण्डप के नाम से प्रसिद्ध है लेकिन आसपास कहीं कोई मणि निर्मित परिसर नहीं है। बस नाम ही शेष है । पास ही में वह पोखरा है जहां चारों भाईयों के चरण पखारे गए थे, तथा विवाह की यज्ञ वेेदी बनी हैं।
ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 1/70, 71, 72, 73 पूरे अध्याय, मानस 1/212/4,1/286/3 से 1/ 288/2, 3, 4, 1/313/3, 1/319 छंद 1/321/छन्द, 1/322/4 से 1/324/छ-4।
श्री राम और जानकी के विवाह से पूर्व भंग हुए पिनाक धनुष और मणि मंडप के बारे में विस्तार से जानने के लिये देखिये श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास द्वारा
निर्मित
धारावाहिक जहँ जहँ चरण पड़े रघुवर के अंक 14 ।
जहँ जहँ चरण पड़े रघुवर के १४वीं कड़ी यहां प्रस्तुत है । श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के लिये डॉ राम अवतार द्वारा प्रस्तुत इस अंक में नेपाल के धुनषा जिले में अवस्थित धनुषा मंदिर और मणि मण्डप तीर्थों की कथा प्रस्तुत की गयी है ।
इसे आप भी देखें और सभी रामभक्तों और शिव भक्तों को देखने के लिये प्रेरित करें ।
जय सियाराम
Respected Sir,
This link is related to RATAN SAGAR but
due to technical mistake link open MANI MANDAP RANI BAZAR again.
Thanking You
Anil Sharma
Dist. Harda, M.P.
जय सिया राम अनिल शर्मा जी
टिप्पणी के लिये आभार ।
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