Wednesday, September 18, 2024

2-40 अत्रि आश्रम सतना मध्य प्रदेश

यहां श्रीराम, मां सीता, अत्रि मुनि तथा मां अनसूया की अद्भुत भेंट हुई थी। माँ अनसूया की तपस्या से माँ गंगा मंदाकिनी के रूप में 100 धाराओं में यहाँ प्रकट हुई थी। आज भी यह दृश्य देखा जा सकता है। वा.रा. 2/117, 118, 119 पूरे अध्याय, मानस 3/2/2, से 3/6/1 अत्रि आश्रम से अमरावती आश्रमः-  […]

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2-41 अमरावती आश्रम जमुनिहाई चित्रकूट

अत्रि आश्रम से 6-7 कि.मी. दूर जंगल में एक रमणीक स्थान अमरावती है। अमरावती श्रीराम के पूर्वज राजा अम्बरीश की तपस्थली है। श्रीराम ने यहाँ विश्राम किया था। इससे थोड़ी दूरी पर विराध ने श्रीराम पर आक्रमण किया था। वा.रा. 3/1, पूरे अध्याय, मानस 3/6/2 मार्गः- यहाँ से जंगल का मार्ग है। यहाँ मार्गदर्शक अनिवार्य […]

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2-42 विराध कुण्ड

अमरावती से 3 कि.मी. दूर घनघोर जंगल में एक भयंकर कुण्ड है। इस कुण्ड में झांकने पर भी डर लगता है। यहाँ विराध दफनाया गया था। वा.रा. 3/2, 3, 4 पूरे अध्याय, मानस 3/6/3, 4

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2-43 पुष्करणी टिकरिया

श्रीराम, लक्ष्मण का विराध से लम्बा संघर्ष चला था और विराध वध में दोनों के हथियार तथा वस्त्र भी खून से सन गए थे। टिकरिया तथा मारकुंडी के बीच एक विशाल पुष्करणी में उन्होंने अपने हथियार तथा वस्त्र धोये थे। वा.रा. 3/4/5 से 12 परिस्थितिजन्य। पुष्करिणी से मारकण्डेय आश्रमः- टिकरिया-जमुनिहाई-मारकण्डेय आश्रम। 12 कि.मी

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2-44 मार्कण्डेय आश्रम

मारकुण्डी स्टेशन से एक कि.मी. दूर मार्कण्डेय आश्रम है। मारकुंडी मारकण्डेय का अपभ्रश है। यहाँ भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। माना जाता है कि पुष्करणी में स्नान के बाद श्रीराम ने यहाँ शिव पूजा की थी। वा.रा. 2/116/1 से 26, मानस 2/285/4 मारकण्डेय आश्रम से अश्वमुनि/ शरभंग आश्रमः-  मारकुण्डी-मझगवां- परेवा-चितहरा-नौगवां-शरभंग आश्रम- अश्वमुनि। एम.पी.एस.एच.-11 से […]

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2-45 शरभंग आश्रम शरभंगा सतना मप्र

शरभंग आश्रम में श्रीराम को देवराज इन्द्र के दर्शन हुए थे। यहीं श्रीराम का आतिथ्य कर शरभंग मुनि ने योगाग्नि में स्वयं को भस्म किया था। चितहरा स्टेशन से 13 कि.मी. दूर घनघोर जंगल में यह विशाल आश्रम है। यहाँ राम-लक्ष्मण कुण्ड, श्रीराम बाण से बना गर्म ंजल का स्रोत, अश्वमुखी देवी का मंदिर, सूर्य […]

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2-46 अश्वमुनि आश्रम सतना मध्य प्रदेश

वाल्मीकि रामायण में अश्वमुनि के आश्रम का वर्णन ऋषियों के लिए सुरक्षित स्थल के रूप में आया है। शरभंग आश्रम के पास अश्वमुखी देवी का मंदिर है। यह भी मान्यता है कि यह देवी बहुत वीरांगना थीं तथा उन्होंने राक्षसों का संहार किया था। शोध तथा स्थल के क्रम के अनुसार अश्वमुनी का आश्रम यही […]

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2-47 सुतीक्ष्ण आश्रम सिलहा सतना मध्य प्रदेश

सिद्धा पहाड़ से 6 कि.मी. दूर सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम है। जैतवारा स्टेशन से एक पक्की सड़क यहां तक आती है। यहाँ श्रीराम, लक्ष्मण, सीताजी तथा सुतीक्ष्ण मुनि के विग्रह हैं।मानस 3/6/4 से 3/8/2, तथा परिस्थिति जन्य।सुतीक्षण आश्रम से सिद्धा पहाड़ः- सिलहा-सिद्धा, (लगभग 12 कि.मी. मात्र)

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2-48 सिद्धा पहाड़ सतना मध्य प्रदेश

सिद्धा पहाड़ ऋषियों की अस्थियों के ढेर से बना है। इसमें रंग-बिरंगी बजरी निकलती है। यहीं श्रीराम ने भूमि को राक्षसों से विहीन करने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ से सुतीक्षण आश्रम तक कोई […]

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2-49 सीता रसोई रक्सेलवा सतना मध्य प्रदेश

यहाँ तीनों ने भोजन तथा रात्रि विश्राम किया था। मंदिर के पास ही चट्टानों में सीता रसोई है। वनवासी बंधु यहाँ पूजा करने तथा सीता माँ से मन्नत माँगने आते हैं। मंदिर के पास एक कूप को अमृत कुण्ड कहते हैं। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा […]

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