Monday, May 13, 2024

2-37 स्फटिक शिला चित्रकूट मध्य प्रदेश

चित्रकूट कामदगिरि से लगभग 4-5 कि.मी. दूर गहरे जंगल में मंदाकिनी की धारा में एक विशाल सफेद शिला है। यहीं इन्द्र पुत्र जयंत ने कौवे के रूप में सीता माँ पर चंचु प्रहार किया था। मानस 3/0/2 से 3/2 दोहा तक।वा.रा. 5/38/12 से 35 तक।

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2-38 गुप्त गोदावरी चित्रकूट मध्य प्रदेश

चित्रकूट भयंकर जंगल में प्रकृति की अनुपम देन है गुप्त गोदावरी, सीता माँ यहाँ स्नान करती थीं। यहीं मयंक नामक चोर ने उनके वस्त्राभूषण चुराये थे तथा लक्ष्मणजी ने उसे सजा दी थी। मानस 2/248/3 2/307/2

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2-40 अत्रि आश्रम सतना मध्य प्रदेश

यहां श्रीराम, मां सीता, अत्रि मुनि तथा मां अनसूया की अद्भुत भेंट हुई थी। माँ अनसूया की तपस्या से माँ गंगा मंदाकिनी के रूप में 100 धाराओं में यहाँ प्रकट हुई थी। आज भी यह दृश्य देखा जा सकता है। वा.रा. 2/117, 118, 119 पूरे अध्याय, मानस 3/2/2, से 3/6/1 अत्रि आश्रम से अमरावती आश्रमः-  […]

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2-45 शरभंग आश्रम शरभंगा सतना मप्र

शरभंग आश्रम में श्रीराम को देवराज इन्द्र के दर्शन हुए थे। यहीं श्रीराम का आतिथ्य कर शरभंग मुनि ने योगाग्नि में स्वयं को भस्म किया था। चितहरा स्टेशन से 13 कि.मी. दूर घनघोर जंगल में यह विशाल आश्रम है। यहाँ राम-लक्ष्मण कुण्ड, श्रीराम बाण से बना गर्म ंजल का स्रोत, अश्वमुखी देवी का मंदिर, सूर्य […]

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2-46 अश्वमुनि आश्रम सतना मध्य प्रदेश

वाल्मीकि रामायण में अश्वमुनि के आश्रम का वर्णन ऋषियों के लिए सुरक्षित स्थल के रूप में आया है। शरभंग आश्रम के पास अश्वमुखी देवी का मंदिर है। यह भी मान्यता है कि यह देवी बहुत वीरांगना थीं तथा उन्होंने राक्षसों का संहार किया था। शोध तथा स्थल के क्रम के अनुसार अश्वमुनी का आश्रम यही […]

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2-47 सुतीक्ष्ण आश्रम सिलहा सतना मध्य प्रदेश

सिद्धा पहाड़ से 6 कि.मी. दूर सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम है। जैतवारा स्टेशन से एक पक्की सड़क यहां तक आती है। यहाँ श्रीराम, लक्ष्मण, सीताजी तथा सुतीक्ष्ण मुनि के विग्रह हैं।मानस 3/6/4 से 3/8/2, तथा परिस्थिति जन्य।सुतीक्षण आश्रम से सिद्धा पहाड़ः- सिलहा-सिद्धा, (लगभग 12 कि.मी. मात्र)

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2-48 सिद्धा पहाड़ सतना मध्य प्रदेश

सिद्धा पहाड़ ऋषियों की अस्थियों के ढेर से बना है। इसमें रंग-बिरंगी बजरी निकलती है। यहीं श्रीराम ने भूमि को राक्षसों से विहीन करने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ से सुतीक्षण आश्रम तक कोई […]

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2-49 सीता रसोई रक्सेलवा सतना मध्य प्रदेश

यहाँ तीनों ने भोजन तथा रात्रि विश्राम किया था। मंदिर के पास ही चट्टानों में सीता रसोई है। वनवासी बंधु यहाँ पूजा करने तथा सीता माँ से मन्नत माँगने आते हैं। मंदिर के पास एक कूप को अमृत कुण्ड कहते हैं। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा […]

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2-50 रामसैल रक्सेलवा सतना सतना मध्य प्रदेश

सतना में अवस्थित रक्सेलवा गांव का नाम राकस यानि राक्षस के अपभ्रंश से बना है। यहां पर रामजी ने बड़ी संख्या में राक्षसों का निर्मम संहार किया था । ये स्थान सीता रसोई से चार कि.मी. दूर लेड़हरा पर्वत के पास है । इसका प्राचीन नाम रामशैल है। यहाँ श्रीराम के चरण चिह्न पूजे जाते […]

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2-51 बृहस्पति कुँड पहाड़ी खेड़ा पन्ना मध्य प्रदेश

 बृहस्पति कुुण्ड देव गुरु बृहस्पति ने यहाँ यज्ञ किये तथा आश्रम की स्थापना की थी। बाद में आश्रम में ऋषियों से मिलने श्रीराम भी वनवास काल में यहाँ आये थे। पहाड़ी खेरा से दक्षिण दिशा में 6 कि.मी. दूर बृहस्पति कुण्ड है। यहाँ बाघिन नदी की घाटी की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती है।  वा.रा. […]

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