Monday, May 13, 2024

2-60 श्रीराम मंदिर रामटेक नागपुर महाराष्ट्र

टेक अर्थात् प्रतिज्ञा। श्रीराम ने यहाँ राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा की थी। दूसरा अर्थ है टिकना। अर्थात् श्रीराम यहाँ कुछ काल के लिए टिके थे। दोनों अर्थों में श्रीराम का प्रवास सिद्ध होता है। पहले इस पर्वत का नाम रामगिरि था। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण […]

Read more

2-61 सीता नहानी, रामगिरि, नागपुर महाराष्ट्र

लोक कथा के अनुसार सुतीक्ष्ण आश्रम जाते समय सीता माँ ने यहाँ स्नान किया था। अब यहाँ श्रीराम मंदिर है। गाँव तथा पहाड़ी का नाम भी रामगिरि हैं। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ से सुतीक्षण आश्रम तक कोई संदर्भ […]

Read more

2-62 राम लक्ष्मण मंदिर सालबर्डी अमरावती महाराष्ट्र

वनगमन के समय नागपुर के सालबर्डी गांव से 9 कि.मी. दूर श्रीराम ने एक रात्रि यहाँ विश्राम किया व शिव पूजा की थी। निकट ही मोढू नदी में सीता नहानी व श्रीराम मन्दिर हैं। वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक। टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ […]

Read more

2-63 सुतीक्ष्ण आश्रम सप्तश्रृंगी पर्वत नासिक महाराष्ट्र

सुतीक्ष्ण मुनि के कई आश्रम मिले हैं किन्तु लगता है कि श्रीराम की सुतीक्ष्ण मुनि से यहीं भेंट हुई थी। श्रीराम 10 वर्ष दण्डक वन में घूमकर पुनः इसी आश्रम में आये थे। वा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक टिप्पणी प्रयास किया गया है कि […]

Read more

2-64 सप्तश्रृंगी देवी मंदिर नासिक महाराष्ट्र

सप्तश्रृंगी देवी मंदिर पंचवटी प्रवास की अवधि में श्री सीता राम जी यहाँ दुर्गा माँ के दर्शनार्थ आते थे व राक्षसों से संघर्ष के लिए शक्ति की साधना करते थे। सप्तश्रृंगी देवी से रामसरोवरः- टेकाड़ी नोटः सप्तश्रृंगी देवी रामसरोवर टेकाड़ी आयें। 270 कि.मी.। वा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से […]

Read more

2-65 राम सरोवर टेकारी नागपुर महाराष्ट्र

ये है राम सरोवर । महाराष्ट्र के नागपुर जिले में टेकारी में अवस्थित ये सरोवर उस स्मृति से जुड़ा है जब राम जी वनवास क्रम में यहां आये थे । उल्लेखनीय तथ्य ये है कि इस क्षेत्र में जल का संकट बना रहता है । आस पास के सभी सरोवर , तालाब और जल के […]

Read more

2-141 सीता मंदिर रालेगांव यवतमाल महाराष्ट्र

राले गाँव में सीता मन्दिर बना है। सीताजी के श्राप से अभी भी इस गाँव में गेहूँ पैदा नहीं होता। वनवास काल की श्री सीता रामजी से संबंधित कई कथाएं प्रचलित हैं। टिप्पणी क्र.स 141 के मार्ग के लिए पृष्ठ 113 स्थल को 226 देखे। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे।

Read more

2-142 शरभंग आश्रम यवतमाल महाराष्ट्र

शरभंग आश्रम यवतमाल जिले में नांदेड़ की सीमा के निकट उनकेश्वर नामक स्थल पर शरभंग ऋषि का आश्रम है। यहाँ श्रीराम, लक्ष्मण तथा सीताजी आये थे। श्रीराम ने ऋषि के कुष्ठ को शांत करने के लिए अग्निबाण से गर्म जल का स्रोत बनाया था जो आज भी निरन्तर बह रहा है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल […]

Read more

2-143 जमदग्नि आश्रम, नांदेड़ महाराष्ट्र

नांदेड़ जिले में माहुर नामक स्थान से 9 कि.मी. दूर पाँच पर्वत शिखरों पर जमदग्नि, अनसूया, अत्रि, दत्तात्रेय आदि के 5 मंदिर हैं। पास ही सर्वतीर्थ, उपझरा कुण्ड, अम्ब कुण्ड, मातृ तीर्थ, गणेश मंदिर तथा रेणुका मंदिर हंै।

Read more

2-144 रामेश्वर माहुर नांदेड़ महाराष्ट्र

रामेश्वर माहुर अत्रि आश्रम जमदग्नि आश्रम तथा दत्तात्रेय आश्रमों में भ्रमण के पश्चात् श्रीराम ने एक दिन यहां विश्राम किया तथा यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की थी। उनकी स्मृति में आज भी यहां शिव मंदिर स्थापित है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। रामेश्वर से मुर्डेश्वर मंदिर पंचाप्सरः- माहुर-पिम्पलगांव- […]

Read more