Monday, May 13, 2024

2-135 शबरी गोदावरी संगम कोनावरम् (गोदावरी) खम्मम (तेलंगाना)

तेलंगाना के कोनावरम में शबरी, गोदावरी नदी का पावन संगम स्थल है । – यहां तक श्रीराम मां शबरी के किनारे-किनारे आते हैं। यहां आकर वे शबरी तथा गोदावरी के पावन संगम में स्नान करते हैं । यह संगम विशाल क्षेत्र में फैला है तथा वर्षा काल में सम्पूर्ण क्षेत्र जलमग्न हो जाता है।

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2-136 सीताराम मंदिर कोनावरम खम्मम तेलंगाना

श्री सुन्दर सीता राम मंदिर  कोंटा से 40 कि.मी. दूर शबरी तथा गोदावरी का पवित्र संगम है। पास ही लगभग 2 कि.मी. दूर श्री सुन्दर सीता राम स्वामी देव स्थानम है। यहाँ श्रीराम कुछ काल तक रहे हैं तथा यहां तक शबरी नदी के किनारे-किनारे आए थे। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। […]

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2-137 पर्णशाला भद्राचलम खम्मम तेलंगाना

भद्राचलम से 35 कि.मी. पश्चिम दिशा में गोदावरी के किनारे पर्णशाला है। श्रीराम ने यहाँ कुछ दिन निवास किया था। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। पर्णशाला से श्रीराम मंदिरः- पर्णशाला-देवरापल्ली-चेरला-वेंकट पुरम्-शंकराजुपल्ली-चिताला- इलेंन्दाकुण्टा। राष्ट्रीय राजमार्ग 163 व एस. एच.-12 से 215 कि.मी. 1

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2-138 श्रीराम मंदिर इलेन्दु कोंटा करीम नगर तेलंगाना

श्रीराम ने जिमीकंुटा, मंडल में इलेन्दा के फलों से दशरथ जी का श्राद्ध किया था। आज भी लोग नया कार्य आरम्भ करने तथा पूर्वजों का श्राद्ध करने यहाँ आते हैं। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। श्रीराम मंदिर से स्कन्द आश्रमः- इलेन्दाकुण्टा-हजुराबाद-करीमनगर- निजामाबाद-नवीपेट-कन्दकूर्ती। एस. एच.-11 से 270 कि.मी.

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2-140 श्री राम मंदिर बासर

श्री राम मंदिर बासर माना जाता है कि इसी स्थान पर माँ सरस्वती की कृपा से राजा दशरथ जी ने पुत्रेष्टि यज्ञ का संकल्प किया था। इसकी प्रेरणा वशिष्ठ जी से मिली थी। जहां राजा दशरथ जी आये थे वहीं श्री सीताराम जी भी आये थे। इसी स्मृति में यहां श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ, […]

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