2-197 प्रस्रवण पर्वत बिल्लारी कर्नाटक
श्रीराम ने वर्षा के चार महीने प्रस्रवण चोटी पर बिताये थे तथा वहीं से सीताजी का पता पाकर लंका के लिए प्रस्थान किया था। हम्पी से 4 कि.मी. दूर माल्यवंत पर्वत की चोटी का नाम प्रस्रवण चोटी है। यहाँ एकमात्र विग्रह मिला है जहाँ श्रीराम ने धनुष धारण नहीं कर रखा।
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