2-198 स्फटिक शिला बेल्लारी कर्नाटक
अंतराष्ट्रीय धरोहर के रूप में ख्याति प्राप्त हम्पी त्रेतायुगीन महत्वपूर्ण स्थल है । हंपी से कुछ दूरी पर अवस्थित प्रस्रवण पर्वत और स्फटिक शिला रामायण काल से जुड़े तीर्थ हैं । स्फटिक शिला वह पावन पत्थर है जिस पर बैठकर राम जी ने वानर और भालुओं के साथ मिलकर लंका अभियान की शुरुआत की थी । लंका में सीता माता से भेंट के बाद हनुमान जी ने यहीं लौट कर राम जी को माता का कुशल संदेश दिया था । राम कचहरी के रूप में ये स्थान लंबे समय से प्रख्यात है ।
ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 5/64/39 से 45 5/65, 66, 67, 68 पूरे अध्याय 61, 2, 3 पूरे अध्याय, मानस 5/28/4 से 5/34/2 तक।
आगे का मार्ग
स्फटिक शिला से कर सिद्धेश्वरः- हम्पी-होसपेट-दानापुरम-कुडलगी-सोलापुर – मंगलोर हाईवे – चित्रदुर्ग- होड़लकेरे – रामगिरि, एन.एच. 13 – 190 कि.मी.
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