Wednesday, September 18, 2024

कुल गुरु वशिष्ठ के साथ प्रथम यात्रा

जय सियाराम

श्री राम ने गुरु वशिष्ठ की आज्ञा तथा उनके साथ विद्यार्थी जीवन में ही देश काल व परिस्थिति की जानकारी के लिये देशाटन किया था । श्री राम दशरथ नरेश के ज्येष्ठ पुत्र होने के नाते आर्य भरत खण्ड के भावी सम्राट थे । अतः गुरु वशिष्ठ जी ने उन्हें सभी व्यवहारिक ज्ञान देने के लिये अखण्ड आर्यावर्त्त की यात्रा करवाई थी ।

आज भी हमारे अधिकारी वर्ग को कार्यभार संभालने के दौरान देश भ्रमण के लिये भेजा जाता है ताकि वे देश को समझ सकें । इसके अलावा सनातन संस्कृति के वाहक संत और मनीषियों के संन्यास आश्रम में प्रवेश पश्चात देशाटन की परंपरा आज भी यथावत बनी हुई है ।

इसी तरह रामजी ने अपने आरंभिक जीवन में यात्रायें की इसका उल्लेख मिलता है । इसे हम रामजी की प्रथम यात्रा मानते हैं । पर इसके संबंध में समुचित शोध साधनों के अभाव में नहीं हो पाया है । अतः इससे संबंधित स्थल वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं कराये गये हैं ।

यदि आपकी जानकारी में इस तरह की यात्रा से संबंधित विवरण हैं तो हमें उपलब्ध करायें ।