Tuesday, April 23, 2024

2-145 मुर्डेश्वर मंदिर रिठद वासिम महाराष्ट्र

श्रीराम एवं भोले बाबा परस्पर पूजा करते थे। दोनों ही एक दूसरे के आराध्य हैं। सामान्य परम्परा के विरुद्ध यहाँ भगवान शिव की जलहरी, पूर्व दिशा में है। माना जाता है कि आते हुए अपने आराध्य श्रीराम के दर्शनार्थ भगवान शिव ने अपनी स्थिति बदल ली थी। अर्थात् वे मुड़कर श्रीराम को देखने लगे थे। […]

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2-146 पंचाप्सर सरोवर लोणार बुलढाणा महाराष्ट्र

श्रीराम को पंचाप्सर सरोवर में संगीत की ध्वनि सुनायी दी थी। यहाँ मण्डकरणी ऋषि 5 अप्सराओं के साथ जल में रहते थे। बुलढाणा जिले में लोणार में स्थित यह विश्व का अद्भुत स्थल है।

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2-147 रामेश्वर सिंदखेड़ राजा बुलढाणा महाराष्ट्र

बुलढाणा जिले के सिंदखेड राजा में एक अत्यन्त प्राचीन शिव मंदिर है। इसकी स्थापना श्रीराम ने की थी। पास ही जंगल में सीता नहानी है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। सिन्दखेड़राजा से नागरतास-शम्भू महादेवः- सिन्दखेडराजा-अदगांवराजा- सोनोशी-निमखेड़ कस्बा-सेवली-शम्भु सांवर गांव-नागर ताश। स. एच.-173, 39 कि.मी.

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2-148 नागरतास मंदिर जालना महाराष्ट्र

जालना जिले में शेवली के निकट श्रीराम ने किसानों को हल चलाना सिखाया था तथा शिव पूजा की थी। आज भी यहाँ के किसान शिव मंदिर में पूजा करते हैं तथा हल व लीक की पूजा की जाती है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे।

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2-149 शंभु महादेव जालना महाराष्ट्र

सावर गांव  शेवली तालुका में शम्भू सावर गांव के निकट श्रीराम ने शम्भू नामक दैत्य का वध किया था तथा भगवान शिव की पूजा की थी। मंदिर के पास कुण्ड है, जिसमें सदा जल भरा रहता है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। शम्भू महादेव से रामतीर्थः- लवनी-दम्मी -निपानी पोखरी-रनमूर्ति-सदर बाजार- […]

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2-150 रामतीर्थ जालना महाराष्ट्र

रामतीर्थ जालना एक लोक कथा के अनुसार श्रीराम ने जालना में दशरथ जी का श्राद्ध किया था। पुराण प्रसिद्ध कुण्डलिनी नदी के किनारे रामतीर्थ नाम का शमशान-घाट है। संदर्भ पृष्ठ 63 स्थल संख्या 63 की पाद टिप्पणी देखंे। रामतीर्थ जालना से श्रीराम मंदिर, रामस गांवः- यहाँ जाने के लिए मार्ग की दृष्टि से बहुचर्चित स्थान […]

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2-151 सीता नहानी अम्बड़ जालना महाराष्ट्र

सीता नहानी अम्बड़ के निकट ही पहाड़ी पर सीता नहानी मानी जाती है। परतंत्रता के काल में यहाँ ध्वस्त श्रीराम मंदिर के अवशेष अब भी कहीं-कहीं मिलते हैं। पूरे क्षेत्र में पानी का अभाव है केवल सीता नहानी पहाड़ी पर ही विपुल मात्रा में पानी मिलता है। श्रीरामेश्वर मंदिर से शनेश्वर मंदिरः- अम्बड़-रामनगर-श्शाहगढ़-राक्षस भुवन। जालना-बीड़ रोड […]

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2-152 रामेश्वर रामस गांव जालना महाराष्ट्र

रामेश्वर मंदिर, रामस गांव अम्बड़ तहसील के रामस गाँव में श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वर लिंग, सीता माँ द्वारा स्थापित सिद्धेश्वर लिंग तथा लक्ष्मण जी द्वारा स्थापित लक्ष्मणेश्वर मंदिर गोदावरी नदी के तट पर हैं।

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2-153 शनैश्वर मंदिर राक्षसभुवन बीड़ महाराष्ट्र

शनैश्वर मंदिर के बारे में लोक मान्यताहै कि यहाँ श्रीराम पर शनि की साढे़साती लगी थी। उन्होंने शनि देव की यहाँ विशेष पूजा अर्चना की थी। आज भी शनि को शांत करने के लिए दूर-दूर से लोग गोदावरी के किनारे शनि पूजा के लिए आते हैं। टिप्पणी प्रयास किया गया है कि सभी स्थलांे का […]

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2-154 अगस्त्य आश्रम, अंकई किला नासिक महाराष्ट्र

, अंकई किला की पहाड़ी की चोटी पर एक विशाल गुफा में अगस्त्यजी तथा श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी का मंदिर है। पास ही 6 तालाब हैं, जिनमें स्वच्छ जल, सदा भरा रहता है। श्रीराम के वनवास काल में यहँा आने की लोक कथा प्रचलित है। अगस्त्य आश्रम से रामेश्वर पाटौदाः- अंकई किला-अंकई किला आर. एस. पाटोदा। […]

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