2-60 श्रीराम मंदिर रामटेक नागपुर महाराष्ट्र
टेक अर्थात् प्रतिज्ञा। श्रीराम ने यहाँ राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा की थी। दूसरा अर्थ है टिकना। अर्थात् श्रीराम यहाँ कुछ काल के लिए टिके थे। दोनों अर्थों में श्रीराम का प्रवास सिद्ध होता है। पहले इस पर्वत का नाम रामगिरि था।
वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक।
टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ से सुतीक्षण आश्रम तक कोई संदर्भ नहीं मिलता। प्राप्त स्थल जन श्रुतियों तथा परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर ही मिलते हैं।
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