Thursday, March 28, 2024

1-35 विहार कुण्ड जनकपुर नेपाल

विवाह के पश्चात् चारों दुल्हा, दुल्हिन यहां आमोद-प्रमोद के लिए आये थे। चारों ने यहां जल-क्रीड़ा की थी इसलिए आज भी इस कुण्ड का नाम विहार कुण्ड है। वा.रा. 1/70, 71, 72, 73 पूरे अध्याय, मानस 1/212/4,1/286/3 से 1/288/2, 3, 4, 1/313/3, 1/319 छंद 1/321/छन्द, 1/322/4 से 1/324/छ-4 विहार कुण्ड से पंथ पाकड़ सीता मढ़ीः- […]

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