1-28 बसहैया जनकपुर नेपाल
श्रीराम चरित मानस के अनुसार श्री राम सहित चारों भाइयों के विवाह के लिए बहुत सुन्दर मंडप का निर्माण किया गया था। मण्डप में बड़ी संख्या में बाँसों का प्रयोग हुआ था तथा इसी जंगल से बाँस काट कर ले जाए गये थे। आज भी कन्याओं के विवाह में प्रतीक रूप में यहां से बाँस ले जाए जाते हैं। हालांकि एक दुखद तथ्य ये है कि अब ये जंगल कटता-कटता काफी सिकुड़ गया है।
ग्रंथ उल्लेख
ये तीर्थ जनश्रुतियों के आधार पर चिह्नित हुआ है । लोक विश्वास के अनुसार इसे मान्यता दी गयी है ।
आगे का मार्ग
बसहैया से दुधमती नदीः- बसहैया- मधवापुर-दूधमती ब्रिज-जनकपुर। दूधमती नदी से जनकपुर आना चाहिये । वहीं से 30 जानकी मंदिर, 31 रंगभूमि, 32 धनुषा, 33 मणिमंण्डप, 34 रत्नसागर, 35 विहार कुण्ड के दर्शन करें। यह सभी स्थल प्रसिद्ध हैं ।
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