Saturday, May 18, 2024

2-171 घटेश्वर प्रवरा संगम अ नगर महाराष्ट्र

मारीच को मारने के पश्चात् श्रीराम ने गोदावरी तथा प्रवरा के पवित्र संगम पर घट स्थापित कर शिव पूजा की थी।

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2-173 सर्वतीर्थ घोटी ताकेद नासिक महाराष्ट्र

सीताजी का हरण कर ले जा रहे रावण का जटायु से युद्ध हुआ था। श्रीराम ने उनका अग्नि संस्कार किया तथा जलांजलि दी। नासिक से 58 कि.मी. घोटी के पास ताकेद गाँव में सर्वतीर्थ वही पवित्र स्थल है।

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2-174 बालुकेश्वर मंदिर, मालाबार हिल्स मुम्बई

श्रीराम सीतान्वेषण करते हुए मुंबई में समुद्र तट तक आये थे। यहाँ उन्होंने बालू के शिवलिंग की स्थापना की थी तथा बाण से मीठे जल का स्रोत बनाया। वहीं आज बालुकेश्वर मंदिर है तथा मीठे जल का स्रोत अजस्र प्रवाहित हो रहा है।

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2-175 राम दरिया भाजा पुणे महाराष्ट्र

राम दरिया राम द्वार का अपभ्रंश है। यहाँ पहाड़ की दो चोटियाँ इस प्रकार निकट हैं कि द्वार जैसा लगता है। माना जाता है कि श्रीराम इसी मार्ग से मुंबई से पूना की ओर गये थे।

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2-176 रामलिंग देव स्थानम शिरूर पुणे महाराष्ट्र

लोक कथा के अनुसार श्रीराम ने लंका अभियान के समय घोड़ नदी के किनारे रूर नामक राक्षस का वध किया था। राक्षस का सिर यहाँ गिरा था इसलिए यह स्थल सिररूर था जो शिरूर हो गया है।

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2-177 रामेश्वर सौताड़ा बीड़ महाराष्ट्र

लोक कथा के अनुसार श्रीराम यहाँ ऋषि पंडित आचार्य से मिलने आये थे। ऋषि संस्कृत विद्यालय चलाते थे। यहाँ श्रीराम ने शिव पूजा की थी  इसीलिए मंदिर का नाम रामेश्वर है। वा.रा. 3/69/1 से 9 मानस 3/32/2  रामेश्वर से रामकुण्डः- कंुथलगिरि- सौताड़ा-रामकुण्ड-वासी-भूम। 24 कि.मी.  नोट: सुविधा की दृष्टि से यात्री पहले कंुथल गिरि जायें तथा […]

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2-178 रामकुण्ड भूम उस्मानाबाद महाराष्ट्र

भूम से 13 कि.मी. दूर रामकुण्ड नामक गाँव है। माना जाता है कि यहाँ श्रीराम ने स्नान किया था। संभवतः यहाँ श्रीराम दो बार आये हैं। वा.रा. 3/69/1 से 9 मानस 3/32/2

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2-179 कुंथल गिरि, भूम उस्मानाबाद महाराष्ट्र

दण्डकारण्य में घूमते हुए श्रीराम ने यहाँ जैन मुनि देशभूषण तथा मुनि कुलभूषण की एक राक्षस से रक्षा की थी तभी उन्होंने यहाँ एक जिनालय की स्थापना की थी। वा.रा. 3/69/1 से 9 मानस 3/32/2 कंुथलगिरि से येडेश्वरीः- रामकुण्ड -वार्सी-एरमला। राष्ट्रीय राजमार्ग 211 से 35 कि.मी. वा.रा. 3/69/1 से 9 मानस 3/32/2

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2-180 येडेश्वरी मंदिर एरमला उस्मानाबाद महाराष्ट्र

 येडेष्वरी एरमला सती माँ ने श्रीराम की परीक्षा लेते समय काफी लम्बी दूरी तक उनके आगे-आगे यात्रा की थी तभी श्रीराम ने सती माँ को ‘येडई माँ’ कहकर पुकारा था। एरमला में इसी नाम से उनका मंदिर है। यहाँ श्रीराम और सती माँ की भेंट हुई थी। मानस 1/47/1 से 1/55/4 तक येडेश्वरी से येडसीः- […]

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