2-179 कुंथल गिरि, भूम उस्मानाबाद महाराष्ट्र
दण्डकारण्य में घूमते हुए श्रीराम ने यहाँ जैन मुनि देशभूषण तथा मुनि कुलभूषण की एक राक्षस से रक्षा की थी तभी उन्होंने यहाँ एक जिनालय की स्थापना की थी।
वा.रा. 3/69/1 से 9 मानस 3/32/2
कंुथलगिरि से येडेश्वरीः- रामकुण्ड -वार्सी-एरमला। राष्ट्रीय राजमार्ग 211 से 35 कि.मी.
वा.रा. 3/69/1 से 9 मानस 3/32/2
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