Monday, April 29, 2024

2-187 रामेश्वर रामतीर्थ बेलगाँव कर्नाटक

रामतीर्थ अथणी तालुका में रामतीर्थ गाँव में रामजी से पूजा करवाने शिव सपरिवार यहाँ पधारेे थे। श्रीराम के आग्रह पर शिवजी ने शिवलिंग का अलंकरण, नाम रामेश्वर, गर्मजल से जलाभिषेक तथा केतकी के फूलों से पूजा स्वीकार की।

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2-188 रामतीर्थ जमखण्डी बालकोट कर्नाटक

188. रामतीर्थ, जमखंडी अथणी से 60 कि.मी. दक्षिण दिशा में जमखण्डी में  भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। श्रीराम ने यहाँ शिव पूजा की थी। वा. रा. 3/69/1 से 9 तक मानस 3/32/2 रामतीर्थ जमखण्डी से कबन्ध आश्रमः- जमखण्डी-मुधोल-लोकापुर-मुदकवी- करड़ीगुड। एस. एच.-34 से 72  कि.मी.। 189. अयोमुखी गुफा रामदुर्ग से 16 कि.मी. दूर एक पहाड़ी […]

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2-189 अयोमुखी गुफा रामदुर्ग बेलगाँव कर्नाटक

अयोमुखी गुफा रामदुर्ग से 16 कि.मी. दूर एक पहाड़ी पर राक्षसी की गुफा है। उसने भोग विलास की कामना से लक्ष्मणजी को पकड़ लिया तथा लक्ष्मणजी ने उसके नाक, कान काट डाले थे।

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2-190 कबंध आश्रम, रामदुर्ग बेलगाँव कर्नाटक

रामदुर्ग करड़ी गुड्ड (रीछों का पहाड़) नामक गाँव के पास पहाड़ी पर एक टेढे़-मेढे़ पत्थर की मूर्ति रखी है। यह मूर्ति वाल्मीकि रामायण में वर्णित कबंध के शरीर से मेल खाती है। स्थानीय लोग इसको राक्षस का मंदिर कहते हैं, जिसका श्रीराम ने संहार किया था।

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2-191 शबरी आश्रम, सुरेबान बेलगाँव कर्नाटक

रामदुर्ग से 14 कि.मी. उत्तर में गुन्नगा गाँव के पास सुरेबान है। जो शबरी वन का ही अपभ्रंश है। आश्रम के आस-पास बेरी वन है। बेर अब भी मीठे होते हैं। यहाँ शबरी माँ की पूजा वन शंकरी, आदि शक्ति तथा शाकम्भरी देवी के रूप में की जाती है। यहीं श्रीराम व शबरी माँ की भेट हुई थी।

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2-200 हाल रामेश्वर चित्रदुर्ग कर्नाटक

चित्रदुर्ग जिले में होसदुर्ग से 11 कि.मी. दूर जंगल मेें हाल रामेश्वर में श्रीराम ने शिव पूजा की थी। श्रीराम के ईश्वर अर्थात् रामेश्वर नाम है।

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2-201 दशरथ रामेश्वर ( गुड़द नेर्लीकर के पास ) हासन कर्नाटक

रामेश्वर से लंका जाते समय श्रीराम आये थे। यहाँ उन्होंने दशरथजी का श्राद्ध किया था।

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