2-102 राजीव लोचन राजीम रायपुर
राजीव लोचन राजीम रायपुर के दक्षिण दिशा में 45 कि.मी. राजीम नामक शहर में श्रीराम ने यहां विष्णु पूजा की थी।
Read moreराजीव लोचन राजीम रायपुर के दक्षिण दिशा में 45 कि.मी. राजीम नामक शहर में श्रीराम ने यहां विष्णु पूजा की थी।
Read moreकुलेश्वर नाथ मंदिर राजीम में ही मां सीता जी ने जनक वंश के कुल देव भगवान शिव की पूजा की थी। यह मंदिर तीन नदियों की धारा में स्थित हैं। क्षेत्र में कुलेश्वर नाथ मंदिर की बहुत मान्यता है। ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस […]
Read moreधमतरी से 5 कि.मी. दूर दक्षिण दिशा में महानदी के किनारे भगवान शिव का प्राचीन मन्दिर है। महानदी के किनारे-किनारे जाते समय श्रीराम यहीं से गये थे। ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री रामचरित मानस के अनुसार […]
Read moreधमतरी से 15 कि.मी. दूर दक्षिण दिशा में महानदी के किनारे श्रीराम लक्ष्मण का एक निर्माणाधीन मंदिर है। श्रीराम, लक्ष्मण जी एक रात यहाँ ठहरे थे।
Read moreयहाँ श्रीराम शृंगी ऋषि आश्रम में आये थे। सिहावा में एक प्राचीन मंदिर है। यहीं एक छोटे से कुण्ड से महानदी का उद्गम स्रोत है। ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री रामचरित मानस के अनुसार श्रीसीता राम […]
Read moreश्रृंगी आश्रम के निकट ही यह आश्रम एक पहाड़ की चोटी पर है। साथ वाले पहाड़ पर माँ शांता की तपस्थली है। ऋषि आश्रम से शांता मंदिर तक पहाड़ के ऊपर-ऊपर ही मार्ग है। मां शांता का अब शीतला माता के रूप में पूजन किया जाता है।
Read moreयह पूरा क्षेत्र ऋषि मण्डल रहा है। लोमश (राजीम) वाल्मीकि (तुरतुरिया) माण्डव्य (फिंगेश्वर) शृंगी (सिहावा) मुचकंुद (मैचका), शरभंग (दलदली), लोमश तथा शरभंग (डोंगरी) अंगीरा (घटुला) अगस्त्य (हर्दीभाटा/खारूगढ़) पुलस्त्य (दुधावा), कर्क/कंक (कांकेर डोगरी)
Read moreअगस्त्य आश्रम ऋषि मण्डल में सभी सात ऋषियों के आश्रम हैं। श्रीराम सभी आश्रमों के दर्शनार्थ गये थे। इसी क्रम में वे इस आश्रम में भी पधारे थे। संतों के आश्रम यहां आज भी हंै। यदि नगरी/सिहावा को केन्द्र मानें तो ये सभी आश्रम 25 कि.मी. के घेरे में आते हैं।ग्रंथ उल्लेख व आगे का […]
Read moreशरभंग जी के और भी कई आश्रम मिले हैं। सभी स्थलों पर श्रीराम व शरभंग जी की भेंट नहीं हुई किन्तु श्रीराम यहाँ रहने वाले संतों के दर्शनार्थ यहाँ पधारे थे। आज भी यहाँ तपस्वी साधनारत हैं। यदि नगरी/सिहावा को केन्द्र मानें तो ये सभी आश्रम 25 कि.मी. के घेरे में आते हैं। ग्रंथ उल्लेख […]
Read moreअंगिरा आश्रम घटुला नगरी से 20 कि.मी. दूर दक्षिण दिशा में घटुला गांव के पास पहाड़ की चोटी पर श्रीराम अंगिरा ऋषि से मिलने आये थे। ऊपर गुफा में ऋषि का विग्रह है।ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री […]
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