2 जहँ जहँ चरण पड़े रघुवर के Epi 02
डॉ रामअवतार के चालीस वर्षों के शोध पर आधारित रामजी के तीर्थों के दर्शन आप भी करें । अपने आस पास के सभी रामभक्तों को यह कार्यक्रम देखने के लिये प्रेरित करें ।
डॉ रामअवतार के चालीस वर्षों के शोध पर आधारित रामजी के तीर्थों के दर्शन आप भी करें । अपने आस पास के सभी रामभक्तों को यह कार्यक्रम देखने के लिये प्रेरित करें ।
जय सियाराम
आशा है आप हिन्दी समझ लेंगे। यदि असुविधा हो तो मैं अंग्रेजी में भी प्रयास करूंगा इस वेबसाइट की Relevancy के बारे में बताने की ।
भगवान श्री राम हुए या नहीं इसे लेकर कोई भी आदमी अपने मत पर स्थिर रह सकता है पर भारतीय इतिहास में कोई व्यक्ति हुआ जिसने सबसे पहले राम की कथा कही इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता । भारतीय समाज राम कथा के लेखक को वाल्मीकि के नाम से जानता और स्वीकार करता है । रामकथा के पहले गायक स्वयं श्री राम के दो जुड़वां बेटों लव और कुश को वाल्मीकि रामायण में कहा गया है ।
ऐसे में हमें दो तथ्य मिलते हैं एक राम कथा कहने वाला व्यक्ति निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक व्यक्ति है और दूसरा तथ्य कि रामकथा लिखने के बाद इसके मधुर गायन की परंपरा लगातार चल रही है ।
यहां से हम आगे बढ़ें और दो और तथ्यों पर विचार करें । पहला तथ्य श्री राम से संबंधित स्थल पर हम चाहे जैसा मत रखें पर वाल्मीकि के नाम पर स्थापित आश्रम और मंदिरों के अलावा अपने आपको वाल्मीकि समाज से जुड़े होने का विश्वास रखने वाले अनेक लोग आज भी मौजूद हैं । दूसरा तथ्य लव और कुश के वंशज के रूप में अपने आप को कुशीलव समाज का सदस्य बताने वाले लोग आज भी भारतीय समाज में हैं जिनका अतीत में पेशा श्री राम कथा कहना रहा है पर अब राम कथा कहने का चलन उनके परिवार में कम है ।
इस वेबसाइट की Relevancy के अनेक आयाम हैं ।
1 हम आप उन स्थलों से परिचित हों जो रामजी से जुड़े रहे हैं तीर्थ के रूप में लंबे अर्से से प्रख्यात रहे हैं ।
2 श्री राम के गुणों को हम अपने जीवन में उतार सकें और लाभान्वित हों ।
3 श्री राम कोई काल्पनिक पात्र नहीं बल्कि हमारे अपने साक्षात पूर्वज हैं यह विश्वास कर सकें ।
इसके अलावा भी और अनेक बिन्दुओं को हम इस वेबसाइट की प्रासंगिकता के रूप में रख सकते हैं ।