Monday, August 25, 2025

2-190 कबंध आश्रम, रामदुर्ग बेलगाँव कर्नाटक

रामदुर्ग करड़ी गुड्ड (रीछों का पहाड़) नामक गाँव के पास पहाड़ी पर एक टेढे़-मेढे़ पत्थर की मूर्ति रखी है। यह मूर्ति वाल्मीकि रामायण में वर्णित कबंध के शरीर से मेल खाती है। स्थानीय लोग इसको राक्षस का मंदिर कहते हैं, जिसका श्रीराम ने संहार किया था।

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2-191 शबरी आश्रम, सुरेबान बेलगाँव कर्नाटक

रामदुर्ग से 14 कि.मी. उत्तर में गुन्नगा गाँव के पास सुरेबान है। जो शबरी वन का ही अपभ्रंश है। आश्रम के आस-पास बेरी वन है। बेर अब भी मीठे होते हैं। यहाँ शबरी माँ की पूजा वन शंकरी, आदि शक्ति तथा शाकम्भरी देवी के रूप में की जाती है। यहीं श्रीराम व शबरी माँ की भेट हुई थी।

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