वाल्मीकि रामायण एवं श्री राम विषयक अन्य साहित्य प्रकाशन सूचना
आदि कवि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के निर्माताओं में शिखर स्थान पर विराजमान हैं । मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की गाथा सबसे पहले आपने छन्दों में रच कर रामजी के ही दो पुत्रों लव और कुश को कंठस्थ कराया । सात कांडों में 24 हजार श्लोंको निबद्ध रामकथा अपने पहले वाचन में ही अपार लोकप्रिय हुई । रामायण के सार्वजनिक गान की पहली सभा के सभी श्रोता राम और सीता जी की करुण कथा सुन कर भाव विह्वल हो गये ।
तबसे लेकर आज तक रामजी की कथा कही और सुनी जा रही है । श्री राम विषयक असंख्य ग्रंथ है । इनमें से जितने ग्रंथ हम संकलित कर सकेंगे रामभक्तों के लिये यहां विवरण प्रस्तुत करते रहेंगे ।
इसमें आपका सहयोग अपेक्षित है । हमारे साधन सीमित हैं । आपके पास रामजी से संबंधित कोई भी पुस्तक है जो यहां उपलब्ध नहीं है तो उसकी एक प्रति की सॉफ्ट कॉपी के रूप में हमें उपलब्ध करायें । यदि आप चाहें तो पुस्तक की एक प्रति न्यास को दान कर सकते हैं । हम इसकी डिजिटल प्रति बनाकर संक्षिप्त विवरण के साथ इस वेब साइट पर सभी राम भक्तों के लिये उपलब्ध करा देंगे ।
साथ में संकलित चित्र गीता प्रैस गोरखपुर द्वारा दो खंडों में प्रकाशित वाल्मीकि रामायण के प्रथम खंड का है । आठ सौ से अधिक पृष्ठों में प्रकाशित इस ग्रंथ का मूल्य केवल एक सौ तीस रूपये है । गीता प्रैस प्रकाशन रखने वाले किसी भी पुस्तक विक्रेता से यह ग्रंथ आप प्राप्त कर सकते हैं ।
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