Friday, March 29, 2024

2-220 शिव मंदिर तीरतांड धाणम रामनाथपुरम तमिलनाडु

मुत्तुकुड़ा से 10 कि.मी. दक्षिण दिशा में तीरताण्ड धाणम में ऋषि अगस्त्य के आदेश पर श्रीराम ने शिव पूजा की थी। मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण, राजा सेतुपति, ऋषि अगस्त्य तथा भगवान शिव की बहुत सुन्दर चित्रावली हैं। एक कि.मी. दूर रामरपाद मिलंे हैं।

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2-221 तापनाशन विनायक मंदिर रामनाथपुरम तमिलनाडु

सूर्य के ताप तथा रोशनी से थके श्री राम और लक्ष्मण ने यहाँ स्नान किया और गणेश देव की पूजा की। श्री गणेश ने यहां भावी युद्ध में विजय का आशीर्वाद दिया।

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2-222 नवग्रह तालाब देवी पट्टनम रामनाथपुरम तमिलनाडु

देवी पट्टनम स्थान पर श्रीराम ने शनिदेव को शांत करने के लिए नवग्रह की पूजा की थी। यहाँ, श्रीराम ने विष्णु चक्र की पूजा की थी तो उन्हें आर्शीवाद मिला कि वानर सेना को समुद्री लहरें परेशान नहीं करेंगी।

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2-223 दर्भशयनम त्रिपुल्लाणी ( आदि रामेश्वर ) रामनाथपुरम तमिलनाडु

त्रिपुल्लाणी समुद्र तट पर पहुँच कर श्रीराम समुद्र से रास्ता लेने के लिए तीन दिन तक तपस्यारत पृथ्वी पर लेटे रहे। यहीं श्रीराम ने शिवलिंग की स्थापना की थी। इसे आदि रामेश्वर माना जाता है। यहीं समुद्र ने प्रकट होकर श्रीराम को पुल बनाने की युक्ति बतायी थी। वा.रा. 6/21 पूरे अध्याय 6/22/48 से 87 […]

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2-224 सेतु अवशेष छेदुकरई रामनाथपुरम तमिलनाडु

छेदु सेतु का अपभ्रंश है तथा तमिल शब्द करई का अर्थ है कोना। यहाँ पुल की आधार शिला रखी गयी थी। छेदुकरई से समुद्र में 2 कि.मी. भीतर तक जायें तो सेतु के अवशेष देखे जा सकते हैं। ये सेतु के स्तम्भ हो सकते हैं।

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2-225 विलुंडी तीर्थ रामनाथपुरम तमिलनाडु

सेना के लिए शुद्ध मीठे जल हेतु श्रीराम ने बाण मार कर यहाँ जल स्रोत बनाया था। तंगचिमडम से लगभग 10 कि.मी. दूर समुद्र में स्थित इस कुएँ से मीठा पानी निकलता है। बैशाख तथा आषाढ़ में यहाँ पानी विशेष रूप से मीठा होता है।

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2-226 एकान्त राम मंदिर रामनाथपुरम तमिलनाडु

रामेश्वरम धाम से कुछ दूरी पर जंगल में एकान्त स्थान पर एक उपेक्षित सा मंदिर हैं। लंका जाने से पूर्व श्रीराम ने युद्ध नीति पर पहले स्वयं तथा बाद में मंत्रियों के साथ मंत्रणा की थी। वा.रा. 6/17, 18, 19, पूरे अध्याय, 6/123/21 मानस 5/40/5 से 5/49 ख दोहा । नोट: एकांत राम मंदिर से […]

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2-227 राम झरोखा गंदमादन रामनाथपुरम तमिलनाडु

समुद्र के किनारे एक छोटी पहाड़ी को गन्दमादन कहते हैं। पहाड़ी पर श्रीराम के चरण चिह्न बने हैं। यहाँ खडे़ होकर श्रीराम ने समुद्र का सुन्दर दृश्य देखा था। इसलिए इसे रामझरोखा कहा जाता है।

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2-228 कोदंडराम मंदिर रामनाथपुरम तमिलनाडु

कोदण्ड का अर्थ है धनुष। समुद्र में एक प्राचीन मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत तथा विभीषण जी के बहुत सुन्दर विग्रह हैं। यहीं विभीषण जी श्रीराम की शरण में आये थे तथा यहीं उनका राज्याभिषेक किया था।

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