Tuesday, April 23, 2024

2-11 श्रीराम मंदिर राम कलेवातारा प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

श्रीराम मंदिर राम कलेवातारा नदी का वर्तमान नाम बकुलाही है। नदी में कंकड़ रेती बहुत होती थी इसलिए नाम बालुकिनी था। प्रतापगढ़ से दक्षिण में लगभग 15-20 कि.मी. दूर यह स्थल मिलता है। स्थान का नाम राम कलेवातारा है। वा.रा. 2/125/26 बालुकिनी नदी से श्रंगवेर पुरः- बेधन गोपालपुर-बालुकापुरा – आनापुर सागर – आनापुर – भगवानपुर […]

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2-12 श्रृंगवेरपुर ( सिंगरोर ) गंगाजी इलाहाबाद उत्तर प्रदेश

श्रृंगवेरपुर सिंगरोर-(गंगाजी) कभी निशादराज गुह की राजधानी थी। इसका वर्तमान नाम सिंगरोर है तथा इलाहाबाद से लगभग 20 कि.मी. उत्तर दिशा में गंगाजी के किनारे है। यहीं केवट प्रसंग हुआ था। निकटवर्ती स्थानों पर संध्या घाट, रामशैया, वीरासन, श्रीराम चरण पादुका, भरत डेरा, जटा वृक्ष आदि अनेक स्थल श्रीराम वनवास से जुडे़ हैं । ग्रंथ […]

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2- 13 राम शैय्या सिंगरोर इलाहाबाद उत्तर प्रदेश

रामसैया सिंगरोर श्रीसीता राम ने यहाँ एक रात्रि विश्राम किया था। निशाद राज गुह ने यहाँ घास की शैया तैयार की थी। यहाँ आज भी उसकी स्मृति में शैया तथा इंगुदी का पेड है। पास ही वीरासन है, जहाँ रात्रि को लक्ष्मण जी ने वीरासन पर बैठ कर रात को पहरा दिया था। ग्रंथ उल्लेख […]

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2-14 सीता कुण्ड सिंगरोर इलाहाबाद उत्तर प्रदेश

यहाँ केवट ने श्रीराम के चरण धोये थे उसके पश्चात शृंगवेरपुर से 2 कि.मी. दूर गंगाजी के किनारे सीता कुण्ड है। यहाँ से उन्होंने गंगा जी पार की थी तथा सुमंत्र को वापस अयोध्याजी भेजा था।वा.रा. 2/52/74 से 77, मानस 2/99/2 से 2/101 दोहे तकसीता कुण्ड से शिव मंदिर कुरईः- गाड़ी का मार्ग इलाहाबाद घूमकर […]

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2-15 शिव मंदिर कुरई इलाहाबाद उत्तर प्रदेश

श्रृंगवेरपुर में गंगा नदी पार करते समय सीता माँ गंगा पार से एक मुट्ठी रेती लायीं थीं। उस रेती की कूरी कर उन्होंने भगवान शिव की पूजा की थीं। बाद में यहाँ शिव मन्दिर की स्थापना हुई। ग्रंथ उल्लेख वा.रा. 2/52/92, 93, मानस 2/101/1 से 2/103/1 2/104 दोहा । आगे का मार्ग कुरई से शिव […]

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2-16 राम जोईटा चरवा इलाहाबाद उत्तर प्रदेश

श्रीराम ने इलाहाबाद से लगभग 15 कि. मी. उत्तर पश्चिम में चरवा गाँव में स्थित तालाब में स्नान किया था तथा रात्रि विश्राम किया था। ग्रंथ उल्लेख वा.रा. 2/52/102,103 2/53/1 से 35 तक पूरा अध्याय, मानस 2/104/1 आगे का मार्ग राम जोइटा से त्रिवेणी संगम-अक्षय वटः-चरवा-हाफिजपुर-मनौरी-बमरौली उपरहारा – बमरौली कन्टोन – इलाहाबाद किला। राष्ट्रीय राजमार्ग […]

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2- 17 त्रिवेणी संगम प्रयागराज उत्तरप्रदेश

तीर्थराज प्रयाग की महिमा अनन्त मानी गयी है । सभी युगों में तीर्थराज विद्यमान रहते हैं । त्रेतायुग में श्रीराम ने स्वयं श्रीमुख से तीर्थराज प्रयाग (संगम) की प्रशंसा की है। यहाँ भारत वर्ष की तीन पावन नदियों गंगा, यमुना तथा सरस्वती का संगम है। वा.रा. 2/54/2, 6, 8, मानस 2/104/1 से 2/105/3

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2-18 भरद्वाज आश्रम प्रयागराज उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद में एक टीले पर यह आश्रम स्थित है। पहले गंगा माँ की धारा यहाँ से होकर बहती थी। श्रीराम भरद्वाज मिलन इसी स्थान पर हुआ था। ग्रंथ उल्लेख वा.रा. 2/54/5 से 43 2/55/1 से 11,  मानस 2/105/4 से 2/108 दोहा।

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2- 19 अक्षयवट प्रयागराज उत्तर प्रदेश

माँ सीता ने अक्षयवट की पूजा व परिक्रमा की थी। अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय (नाश) नहीं होता। ग्रंथ उल्लेख मानस 2/104/4 आगे का मार्ग अक्षयवट से यमुना घाट जलालपुरः- इलाहाबाद-किला-एम.जी.रोड- जलालपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से 12 कि.मी.

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2-20 यमुनाघाट जलालपुर प्रयागराज उत्तर प्रदेश

श्री सीता राम जी ने यहाँ यमुना के तट पर रात्रि विश्राम किया था। वा.रा. 2/55/23 यमुनाघाट जलालपुर से सीता रसोईः- सिमरी – दरवारी – कचहरी – राष्ट्रीय राजमार्ग 76-शंकरगढ़-गंभीरपुर-उमापुर-जसरा-गौहनिया – घूरपुर – मनकुआर। राष्ट्रीय राजमार्ग 76 से 44 कि.मी.।नोट: यात्री को चाहिए कि जलालपुर घाट पर अपना वाहन छोडकर नाव से यमुनाजी पार कर […]

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