Saturday, April 20, 2024

1-12 सुजायत व मरची

सुबाहु डीह त्रेता युग से संबंधित महत्वपूर्ण धरोहर है । उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में चिटबड़ा गाँव के पास जंगल में एक प्राचीन टीला है। इसे सुबाहू का घर माना जाता है। सुजायत सुबाहू से बना है। टीले के पास खुदाई में ताड़ का रस निकालने के पात्र, चिमटा, भट्ठी तथा कौड़ियाँ आदि मिली […]

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1-13 भरोली व उजियारा बलिया उत्तर प्रदेश

भोर भरोली भए उजियारा, बक्सर जाय ताड़का मारा अर्थात श्रीराम को जहाँ भोर हुई वहाँ भरोली गाँव है तथा जहाँ प्रकाश हुआ वहाँ उजियार गाँव बसा है।

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1-14 वामनेश्वर मंदिर बक्सर बिहार

माना जाता है कि वामनावतार लेने से पूर्व भगवान विष्णु जी ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी। यहां भगवान विष्णु द्वारा स्थापित वामनेश्वर शिवलिंग श्रद्धा स्थल है। विश्वामित्र जी ने श्रीराम को इसके दर्शन करवाये थे। वा.रा. 1/29/1 से 12 तक

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1-15 चरित्र वन बक्सर बिहार

श्रीराम ने  अपने जीवन का प्रथम युद्ध यहाँ किया था। यहीं से उनके वीर चरित्र का उद्भव माना जाता है। इसे ताड़का वन भी कहा जाता है। रामायण के अनुसार ताड़का डेढ़ योजन का मार्ग घेर कर रहती थी। यहीं श्रीराम ने ताड़का को मारा था। यह स्थान बक्सर में ही है। वा.रा. 1/24/12 से […]

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1-16 विश्वामित्र आश्रम बक्सर बिहार

विश्वामित्र जी का आश्रम तपोवन में था। इसे सिद्धाश्रम भी कहते हैं। किन्तु अब कोई स्थान विशेष आश्रम के नाम पर चिन्हित नहीं है। पूरा क्षेत्र ही तपोवन तथा सिद्धाश्रम माना जाता है।

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1-17 राम रेखा घाट बक्सर बिहार

बक्सर में गंगाजी के किनारे रामरेखा घाट अत्यंत प्रसिद्ध स्थल है। माना जाता है कि ताड़का वध के पश्चात् श्रीराम ने यहाँ स्नान किया था।

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1-18 रामेश्वर नाथ बक्सर बिहार

माना जाता है कि ताड़का वध के पश्चात् उनके मन में स्त्रीवध के कारण ग्लानि थी क्योंकि उनके वंश में किसी ने स्त्री का वध नहीं किया था। तब उन्होंने भगवान शिव की विशेष पूजा की थी।

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1- 19 अहल्या आश्रम अहरौली बक्सर बिहार

अहरौली आश्रम बक्सर से 3 कि.मी. पूर्व दिशा में अहरौली नामक गाँव है। अहरौली अहिल्या से बना है। माना जाता है कि श्रीराम ने यहाँ अहिल्याजी का उद्धार किया था। श्रीराम चरित मानस के अनुसार श्रीराम ने सिद्धाश्रम से चलते ही अर्थात् गंगा तथा सोनभद्र पार करने से पूर्व ही अहिल्याजी का उद्धार किया था। […]

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1-20 परेव पटना बिहार

परेव पड़ाव का अपभ्रंश है। माना जाता है कि श्री राम लक्ष्मण जी तथा विश्वामित्र जी ने यहां पड़ाव डाला था। यह स्थान कोइलवर पुल के पास है। निकट ही मोहनेश्वर महादेव का मंदिर है। कुछ लोगों का विचार है कि उन्होंने सोनभद्र नदी त्रिगना घाट से पार की थी। दोनों में लगभग 5 कि.मी. […]

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1-21 त्रिगना घाट पटना बिहार

लोक मान्यता के अनुसार श्रीराम, लक्ष्मणजी तथा विश्वामित्र जी ने त्रिगना घाट से महानद सोनभद्र को पार किया था। यहां प्राचीन मूर्तियां खुदाई में मिली हैं। यह स्थान कोइलवर पुल से लगभग 8 कि.मी. दूर पड़ता है। वा.रा. 1/35/1 से 5

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