Monday, July 21, 2025

2-113 मुचकुंद आश्रम मैचका

मुचकुंद आश्रम नगरी से 27 कि.मी. पूर्व दिशा में मेखलाकार पहाड़ी पर मैचका गाँव के पास मुचकुंद ऋषि का आश्रम है। आश्रम के पास सुन्दर तालाब तथा सीताजी एवं अन्य देवों की प्रतिमाएँ हंै। वनवासी दूर-दूर से पूजा, अर्चना व मन्नत मांगने आते हैं।ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 […]

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2-114 वाल्मीकि आश्रम सीता अभ्यारण्य (चित्रोत्पला) धमतरी (छःगढ़)

वाल्मीकि आश्रम सीता अभ्यारण्य सिहावा से दक्षिण दिशा में सीता नदी को चित्रोत्पला नदी कहते हैं। यहीं वाल्मीकि ऋषि का एक प्राचीन आश्रम है। वनवास काल में श्रीराम यहाँ आये थे।ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री रामचरित मानस […]

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2-115 कर्क आश्रम दुधवा धमतरी

जैसा कि पहले वर्णन आया है कि श्रीराम ने महानदी के किनारे-किनारे बहुत ही लम्बी यात्रा की थी। मार्ग की दृष्टि से यहां से श्रीराम ने महानदी पार की थी। कुछ दूर तक किनारे-किनारे चलने के पश्चात् उन्होंने महानदी का आश्रय छोड़ दिया था। माना जाता है, कि ऋषि कर्क ने श्रीराम कोे शत्रु के […]

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2-116 विष्णु मंदिर रामपुर जुनवानी

विष्णु जी मंदिर रामपुर जुनवानी कांकेर से 11 कि.मी. दूर उत्तर दिशा में महानदी के किनारे रामपुर जुनवानी में राम-लक्ष्मण मंदिर है। किन्तु भीतर भगवान विष्णु की सुन्दर चतुर्भुजी मूर्ति है। श्रीराम ने यहाँ विष्णु जी की पूजा की थी।ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस […]

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2-117 गड़िया मंदिर

गड़िया मंदिर यहाँ जोगी गुफा, रामनाथ मंदिर तथा गड़िया मंदिर विशेष महत्त्व के हैं। यहाँ की जोगी गुफा में श्रीराम कंक ऋषि से मिलने आये थे।  ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री रामचरित मानस के अनुसार श्रीसीता राम […]

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2-118 शिव मंदिर कांकेर भण्डारीपारा

शिव मंदिर कांकेर भण्डारीपारा में श्रीराम ने रामनाथ महादेव मंदिर की स्थापना की थी। कांकेर में कर्क ऋषि से मिलने के पश्चात् श्रीराम जी ने यहाँ शिव पूजा की थी।ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्गवा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री रामचरित मानस के […]

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2-119 शिव मंदिर केशकाल घाटी

शिव मंदिर कांकेर से 15-20 कि.मी. आगे दुर्गम घाटी के ऊपर जंगल में बहुत विशाल शिवलिंग हैं तथा सरोवरों का निर्माण किया गया है। श्रीराम वनवास काल में यहाँ आये थे।

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1-32 धनुषा मंदिर धनुषा धाम नेपाल

धनुषा नेपाल का प्रमुख जिला है । धनुषा नाम ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल ये भारतीय संस्कृति के उस संधिकाल का प्रतीक है जब विष्णु के एक अवतार परशुराम और उनके बाद के अवतार श्री राम का परस्पर मिलन हुआ था । धनुषा धाम में आज भी पिनाक धनुष के अवशेष पत्थर के […]

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1-33 मणि मंडप रानी बाजार जनकपुर नेपाल

त्रेता युग में मिथिला नरेश सीरध्वज जनक के दरबार में रामजी द्वारा धनुर्भंग के बाद अयोध्याजी से बारात आई। श्री राम सहित चारों भाईयों का विवाह हुआ। जिस स्थान पर जनकपुर में मणियों से सुसज्जित वेदी और यज्ञ मंडप निर्मित हुआ वह समकाल में रानी बाजार के निकट है । यह स्थल मणि मण्डप के […]

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1-34 रत्न सागर जनकपुर नेपाल

लोक मान्यता के अनुसार राजा जनक ने चारों दामादों, बेटियों तथा समधी जी राजा दशरथ जी को दहेज में असीम धन, रत्नादि दिये थे।तब यह सागर रत्नों से भर गया था इसलिए आज भी इसे रत्न सागर कहा जाता है।

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