Thursday, December 12, 2024

2- 52 सुतीक्षण आश्रम सारंगधर पन्ना मध्य प्रदेश


श्रीराम ने भुजा उठाकर राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा की थी तभी हाथ उठाने के लिए उन्होंने सारंग धनुष धरती पर टिकाया था, इसीलिए इस स्थान का नाम सारंगधर है। यहाँ एक अद्भुत वट वृक्ष है। इसके पत्ते बडे़ होकर स्वतः ही दोने का आकार ले लेते हैं। साधकों के अनुसार पेड़ के नीचे ध्यान बहुत अच्छा लगता है।

वा.रा. 3/6 पूरा अध्याय, मानस 3/8/3 से 3/9 दोहा तक।

टिप्पणी: वाल्मीकि रामायण तथा श्री रामचरित मानस के अनुसार सिद्वा पहाड़ से सुतीक्षण आश्रम तक कोई संदर्भ नहीं मिलता। प्राप्त स्थल जन श्रुतियों तथा परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर ही मिलते हैं।

सुतीक्षण आश्रम से अग्निजिह्वाः- सारंगधर-ब्रिजपुर पहाड़ी रोड़-हरदुआ- कल्याण्पुर-लक्ष्मीपुर-विक्रमपुर- जमुनिहाई खुर्द-बड़ा गांव। लक्ष्मीपुर- विक्रमपुर रोड़ से 36 कि.मी.

Sharing is caring!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *