Tuesday, October 8, 2024

2-117 गड़िया मंदिर


गड़िया मंदिर यहाँ जोगी गुफा, रामनाथ मंदिर तथा गड़िया मंदिर विशेष महत्त्व के हैं। यहाँ की जोगी गुफा में श्रीराम कंक ऋषि से मिलने आये थे।

 ग्रंथ उल्लेख व आगे का मार्ग
वा.रा. 3/7, 8 दोनों पूरे अध्याय 3/11/28 से 44 तक, मानस 3/9/1 से 3/11 दोहे तक। विशेष टिप्पणीः श्री रामचरित मानस के अनुसार श्रीसीता राम जी सुतीक्षण मुनि आश्रम से सीधे अगस्त्य मुनि के आश्रम (अगस्त्येश्वर मंदिर) गये। अतः वहाँ तक मानस से कोई संदर्भ नहीं मिलते। गोस्वामी जी द्वारा वर्णित सकल मुनि (मा.3/9 दोहा) दण्डक वन में थे। उनकी चर्चा जन श्रुतियों के 
आधार पर ही करेंगे। क्योंकि उन सकल मुनियों के नाम, ग्राम, आश्रम आदि का कोई वर्णन नहीं दिया है। हां जन श्रुतियों में वे आश्रम आज भी जीवंत है तथा उनके सभी स्थलों पर अवशेष तथा लोक कथाएँ मिलती हैं।रामायण के अरण्य काण्ड के 8,9,10 अध्यायों के अनुसार श्रीराम सुतीक्ष्ण आश्रम से प्रस्थान करते हैं। मार्ग में राक्षसों के वध संबधी प्रतिज्ञा पर मां सीता  से श्रीराम चर्चा करते हैं। इन अध्यायों में केवल यही चर्चा हैं। मार्ग का कोई संकेत नहीं है। इन दस वर्षों में प्रथम संकेत पंचाप्सर का मिलता है। अतः अब उनका विवरण देखते हैं। विशेष संकेत के रूप में वा.रा. 3/11/21 से 28 तक देखें।
नोटः  कांकेर रोड़ से 14 कि.मी. कांकेर से भण्डारी पारा मंे नाले के किनारे मरहादेव का मंदिर ही शिव मंदिर है।

Sharing is caring!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *