Sunday, September 15, 2024

1-10 राम घाट नगहर


श्री राम की यात्रा में नदी तट पर अवस्थित तीर्थ बड़ी संख्या में हैं । ऐसा इसलिये कि प्राचीन काल में अधिकांश यात्रायें नदी तट के निकट से होकर ही आगे बढ़ती थीं । नदियों के किनारे किनारे चलने से स्थान की पहचान याद रखना आसान था तथा यात्रा क्रम में जल की प्रचुरता बनी रहती थी ।

नगहर में अवस्थित राम घाट लखनेश्वर डीह से आधा कि.मी. दूर पुरानी सरयू जी के किनारे है। लोक मान्यता है कि कभी गंगा और सरयू का संगम यहीं था । संगम में स्नान से पूर्व तीनों ने यहीं तट पर रात्रि विश्राम किया था।

वर्तमान काल में नदियों का मार्ग त्रेता युग से अब तक कई बार बदला है । गंगा और सरयू का संगम यहां नहीं अपितु अन्य स्थान पर है लेकिन यहां रामजी के मुनि विश्वामित्र के साथ आने की स्मृति आज तक बनी हुई है । यात्री आज भी यहां से सरयू जी पार करते हैं।

ग्रंथ उल्लेख
वा.रा. 1/22/11 से 24 तक। मानस 1/205 दोहे से 1/208/2 तक

आगे का मार्ग
रामघाट से कामेश्वरनाथः- जगदीशपुर -फरीदपुर -पिपरिया – रामगढ़ – अकोनी -कल्यानपुर-बड़गांव-खलीलपुर- रसूलपुर -धरमपुर-पुराचक कारांे। एस. एच-34/मऊ रोड़, 28 कि. मी.। पैदल 25 कि.मी

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